बगुला भगत और केकड़ा की कहानी | Bagula aur Kekda ki Kahani

इस लेख में हम आपको बगुला भगत और केकड़ा की कहानी (Bagula aur Kekda ki Kahani) बताएंगे। तो चलिए इस Crane and Crab Story in Hindi को शुरू करते है।

Bagula aur Kekda ki Kahani
Bagula aur Kekda

बगुला भगत और केकड़ा – Bagula aur Kekda ki Kahani

बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में एक बड़ा-सा तालाब था। उस तालाब में कई तरह के जीव-जंतु रहते थे जैसे मछलियां, मेंढक, केकड़े आदि। उसी तालाब के आस-पास एक बगुला भी रहता था, जिसे अब बूढ़ा होने के कारण मछलियों का शिकार करने में कठिनाई होता था। भूख से परेशान बगुले ने एक बेहतरीन उपाय सोची।

बगुला तालाब के किनारे उदास और चिंता में डूबा हुआ बैठा रहा। तालाब के जीव-जंतु उसकी यह हालत देखकर उसके पास आए और पूछा, “बगुला भाई, तुम इतने उदास क्यों हो?”

बगुला भगत ने बड़ी चतुराई से कहा, “मैंने सुना है कि इस तालाब का पानी बहुत जल्द ही सूखने वाला है। यहां के सभी जीव-जंतु पानी के बिना मर जाएंगे।”

यह सुनकर सभी पानी के सभी जीव-जंतु बहुत चिंतित हो गए और बगुले से उपाय पूछने लगे।

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बगुले ने कहा, “मेरे पास एक सुझाव है। पास के एक बड़े तालाब में बहुत सारा पानी है। मैं तुम सबको एक-एक करके वहां ले जा सकता हूं।”

मछलियों और अन्य जीवों को बगुले की बात पर विश्वास हो गया और वे उसकी बात मान गए। बगुला रोज़ एक-एक मछली को अपनी चोंच में उठाकर लेकर जाने लगा। लेकिन वास्तव में वह उन्हें दूसरे तालाब तक ले जाने के बजाय, एकांत जगह पर ले जाकर खा जाता था। कई दिन ऐसे ही बीत गए।

एक दिन, एक केकड़ा बगुले से बोला, “बगुला भाई, इस बार मुझे भी उस बड़े तालाब में ले चलो।” बगुला मान गया और केकड़े को अपनी पीठ पर बैठा लिया।

बगुला जब केकड़े को ले जा रहा था, तब केकड़े ने रास्ते में चारों ओर देखा और वहां मछलियों की हड्डियां बिखरी हुई देखीं। केकड़ा समझ गया कि बगुला भगत सबको धोखा दे रहा है। उसने तुरंत अपनी टांगों से बगुले की गर्दन पकड़ ली और उसे जान से मार डाला।

केकड़ा सही सलामत वापस तालाब में आ गया और बाकी सभी जीवों को बगुले की धोखेबाजी के बारे में बताया। सबने मिलकर केकड़े की बहादुरी की खूब तारीफ की और सभी तालाब के जीव-जंतुओं को बगुले भगत से छुटकारा मिल गई।

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शिक्षा (Moral of Story)

इस Bagula aur Kekda ki Kahani से हमें दो सीख मिलती है:-

  1. कभी भी किसी पर आंख बंद करके विश्वास नहीं करना चाहिए।
  2. चालाकी और धोखा लंबे समय तक नहीं चलता। इसलिए कभी किसी के साथ धोखा नहीं करना चाहिए नहीं तो इसका परिणाम हमेशा घातक होता है।
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नमस्कार दोस्तों मेरा नाम सौरभ सिंह हैं। मैं इस ब्लॉग का लेखक और संस्थापक हूँ, अगर मै अपनी योग्यता की बात करू तो मै BCA का छात्र हूं।

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