इस लेख में हम आपको चींटी और टिड्डा की कहानी (Chinti aur Tidda ki Kahani) बताएंगे। तो चलिए इस The Ant and The Grasshopper Story को शुरू करते है।
चींटी और टिड्डा की कहानी – Chinti aur Tidda ki Kahani
एक समय की बात हैं। एक हरे-भरे जंगल में गर्मी का मौसम था। चारों तरफ हरियाली छाई हुई थी। सभी जानवर खुश और संतुष्ट थे। इसी जंगल में एक मेहनती चींटी रहती थी, जो हमेशा अपने काम में लगी रहती थी। गर्मियों के दिनों में वह अपने भोजन का इंतजाम कर रही थी, ताकि सर्दी के कठोर मौसम में उसे भूखा न रहना पड़े। वह दिन-रात मेहनत करके अपने बिल में अनाज के दाने जमा कर रही थी।
दूसरी ओर, उसी जंगल में एक टिड्डा रहता था, जो बिल्कुल भी मेहनत नहीं करता था। वह दिन भर गाना गाता, मस्ती करता और आराम से समय बिताता। उसे खाने-पीने की कोई चिंता नहीं थी।
टिड्डा चींटी को देखकर उसका मज़ाक उड़ाता और कहता, “अरे, चींटी बहन! क्यों इतनी मेहनत कर रही हो? आओ, मेरे साथ बैठो, गाना गाओ और मस्ती करो। जीवन का आनंद लो!”
चींटी टिड्डे की बातों पर हँसती और कहती, “टिड्डे भाई, मैं सर्दी के लिए अनाज जमा कर रही हूँ। जब सर्दी आएगी और बर्फबारी होगी, तो हमें खाने के लिए कुछ भी नहीं मिलेगा। इसीलिए मैं अभी से तैयारी कर रही हूँ।” लेकिन टिड्डा चींटी की बातों को अनसुना कर देता और अपनी मस्ती में मग्न रहता।
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समय बीतता गया, और जल्द ही सर्दी का मौसम आ गया। ठंड और बर्फबारी ने जंगल को ढक लिया। सभी जानवर अपने-अपने घरों में दुबक गए, और भोजन की कमी होने लगी।
टिड्डा, जो पूरे समय मौज-मस्ती में लगा हुआ था, अब परेशान हो गया। उसके पास खाने के लिए कुछ भी नहीं था, और ठंड से बचने का भी कोई साधन नहीं था।
भूख और ठंड से बेहाल टिड्डा इधर-उधर भटकने लगा। तभी उसे चींटी की याद आई। वह चींटी के बिल के पास पहुँचा और दरवाजा खटखटाया। टिड्डे ने चींटी से विनम्रता से कहा, “चींटी बहन, कृपया मेरी मदद करो। मैं भूखा हूँ और ठंड से काँप रहा हूँ। क्या तुम मुझे कुछ खाने के लिए दे सकती हो?”
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चींटी ने दरवाजा खोला और टिड्डे से कहा, “टिड्डे भाई, गर्मियों में जब मैं कड़ी मेहनत कर रही थी, तो तुमने मेरी बात नहीं मानी। तुमने अपना समय मौज-मस्ती में बर्बाद कर दिया। अब, जब सर्दी आ गई है, तो मुझे माफ़ करना, पर मैं तुम्हारी मदद नहीं कर सकती। मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है, और आलस्य का परिणाम दुःखद।”
टिड्डा शर्मिंदा होकर वहां से चला गया। उसने कड़ी मेहनत और दूरदर्शिता का मूल्य समझा। इस तरह, चींटी और टिड्डे की कहानी हमें सिखाती है कि समय का सदुपयोग करना चाहिए और भविष्य के लिए तैयार रहना चाहिए।
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इस Chinti aur Tidda ki Kahani से हमें शिक्षा मिलती है कि हमें हमेशा कड़ी मेहनत करनी चाहिए और भविष्य के लिए तैयार रहना चाहिए।