कौवा और उल्लू की कहानी | Kauwa Aur Ullu Ki Kahani

इस लेख में हम आपको कौवा और उल्लू की कहानी (Kauwa Aur Ullu Ki Kahani) बताएंगे। तो चलिए इस Crow and Owl Story को शुरू करते है।

Kauwa Aur Ullu Ki Kahani
Kauwa aur Ullu ki Kahani

कौवा और उल्लू – Kauwa Aur Ullu Ki Kahani

बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में कौवा और उल्लू रहा करते थे। कौवा दिन में उड़ता और खाना ढूंढता, जबकि उल्लू रात में शिकार करता। एक दिन कौवे और उल्लू में किसी बात पर बहस हो गई कि कौन ज्यादा समझदार है।

कौवे का कहना था कि वह ज्यादा समझदार है क्योंकि वह दिन में सब कुछ देख सकता है और आसानी से खाना ढूंढ सकता है। वहीं, उल्लू का कहना था कि वह रात में देख सकता है और अंधेरे में भी आसानी से शिकार कर सकता है, इसलिए वह ज्यादा समझदार है।

किसी नतीजे पर न पहुँचते हुए, दोनों ने तय किया कि वे एक प्रतियोगिता करेंगे। प्रतियोगिता यह थी कि दोनों एक-दूसरे के समय में शिकार करेंगे।

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पहले दिन कौवे ने उल्लू से कहा, “तुम दिन में उड़कर शिकार करके दिखाओ।” उल्लू ने कोशिश की, लेकिन दिन की तेज़ रोशनी में वह कुछ देख नहीं पाया और शिकार करने में असफल रहा।

अगले दिन, उल्लू ने कौवे से कहा, “अब तुम रात में उड़कर शिकार करके दिखाओ।” रात के अंधेरे में कौवे को कुछ भी दिखाई नहीं दिया, और वह भी शिकार करने में असफल रहा।

इस तरह, दोनों समझ गए कि हर किसी का अपना समय और तरीका होता है। दिन के उजाले में कौवा अच्छा शिकार कर सकता है, जबकि रात के अंधेरे में उल्लू। दोनों को अपनी-अपनी विशेषताओं पर गर्व करना चाहिए, और दूसरों की क्षमताओं का सम्मान करना चाहिए।

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शिक्षा (Moral of Story)

इस Kauwa aur Ullu ki Kahani से हमें शिक्षा मिलती है कि हमें अपनी क्षमताओं पर भरोसा रखना चाहिए और दूसरों की ताकतों का भी सम्मान करना चाहिए।

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नमस्कार दोस्तों मेरा नाम सौरभ सिंह हैं। मैं इस ब्लॉग का लेखक और संस्थापक हूँ, अगर मै अपनी योग्यता की बात करू तो मै BCA का छात्र हूं।

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